सेवा का अवसर आने पर सेवको का पता चलता है रिश्तेदारो से प्यार का पता दुख के समय चलता है दोस्ती का पता भी संकट के समय चलता है पत्नी के प्यार की परीक्षा भी उस समय ली जाती है जब आदमी निर्धन हो जाता है जो दुःख और गरीबी मे साथ देते है उन्हे ही अपना सच्चा साथी मानना चाहिए जो लोग मिली हुई चीज को छोडकर उस चीज के पीछे भागते है जिसके मिलने की कोई आशा न हो ऐसे लोग मिली हुई चीज को भी खो देते है ऐसे लोगो को ही देखकर कहा गया है कि आधी छोड सारी को दौडा आधी भी न रहा
