भैरव भय को नष्ट करने वाले देवता है।भैरव के आठ प्रमुख रूप होते है।किसी भी रूप की साधना बना सकती है आपको महाबलशाली।भैरव की सौम्य रूप में साधना पूजा करनी चाहिए। भैरव देवता पूरे परिवार की रक्षा करते हैं।और काले वस्त्र और नारियल चढाने से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। कुत्ता भैरव जी का वाहन है।भैरव जी को प्रसन्न करने के लिए कुत्तों को भोजन अवश्य खिलाना चाहिए।
भैरव के मन्त्रों से होता है सारे दुखों का नाश।आइये जानते है कि कौन कौन से मन्त्र से क्या क्या होता है।
(1) भय नाशक मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन।
उरद की दाल भैरव जी को अर्पित करें।पुष्प,अक्षत,धूप दीप से पूजन करें।रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जपकरें। और दक्षिण दिशा की और मुख रखें।
(2) शत्रु नाशक मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु।
नारियल काले वस्त्र में लपेट कर भैरव जी को अर्पित करें।
गुगुल की धूनी जलाएं।रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें।पश्चिम कि और मुख रखें।
(3) जादू टोना नाशक मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय।
आटे के तीन दिये जलाएं।कपूर से आरती करें।रुद्राक्ष की माला से 7 माला का मंत्र जप करें।दक्षिण की और मुख रखे।
(4) प्रतियोगिता इंटरवियु में सफलता का मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय साफल्यं देहि देहि स्वाहा:।
(5) बेसन का हलवा प्रसाद रूप में बना कर चढ़ाएं।एक अखंड दीपक जला कर रखें।रुद्राक्ष की मलका से 8 माला का मंत्र जप करें।पूर्व की और मुख रखें।
(6) बच्चों की रक्षा का मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष
मीठी रोटी का भोग लगायें।दो नारियल भैरव जी को अर्पित करें।रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें।पश्चिम की ओर मुख रखें।
(7) लम्बी आयु का मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय रुरु स्वरूपाय स्वाहा:।
काले कपडे का दान करें।गरीबों को भोजन खिलाये।कुतों को रोटिया खिलाएं।रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें।पूर्व की ओर मुख रखें।
(8) बल प्रदाता मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शौर्यं प्रयच्छ।
काले रंग के कुते को पालने से भैरव प्रसन्न होते हैं।कुमकुम मिला लाल जल बहिरव को अर्पित करना चाहिए।काले कम्बल के आसन पर इस मंत्र को जपें।रुद्राक्ष की माला से 7 माला मंत्र जप करें।उत्तर की ओर मुख रखें।
(9) सुरक्षा कवच का मंत्र
ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय बज्र कवचाय हुम।
भैरव जी को पञ्च मेवा अर्पित करें।कन्याओं को दक्षिणा दें।रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करे।पूर्व की ओर मुख रखें।