1 आदमी के 3 बेटे और 1 बेटी थी और विदेश में रहते थे – एक बार उनकी माँ बहुत…
Existence of God
भैरव के आठ प्रमुख रूप होते है | There are eight major form of Bhairav
भैरव भय को नष्ट करने वाले देवता है।भैरव के आठ प्रमुख रूप होते है।किसी भी रूप की साधना बना सकती…
About Shree Md-Bhagavat Gita – “श्री मद्-भगवत गीता” के बारे में
किसको किसने सुनाई? उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। कब सुनाई? उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।…
आपके नाम का पहला अक्षर बताएगा आपका व्यक्तित्व
A A- अक्षर से नाम वाले लोग काफी मेहनती और धैर्य वाले होते हैं। इन्हें अट्रैक्टिव दिखना और अट्रैक्टिव दिखने…
A woman was pregnant : एक औरत गर्भ से थी पति को जब पता लगा
एक औरत गर्भ से थी पति को जब पता लगा की कोख में बेटी हैं तो वो उसका गर्भपात करवाना…
Dharm Story : बाप पतंग उड़ा रहा था बेटा ध्यान से देख रहा था
बाप पतंग उड़ा रहा था बेटा ध्यान से देख रहा था थोड़ी देर बाद बेटा बोला पापा ये धागे की…
The Butter Thief | माखनचोर नटखट श्री कृष्ण
~ ~ ~जय श्री कृष्ण~ ~ ~ माखनचोर नटखट श्री कृष्ण को रंगे हाथों पकड़ने के लिये एक ग्वालिन ने…
निम्नलिखित बातें माँ के गर्भ में ही निश्चित हो जाती है | The following things are certain in the mother’s womb
निम्नलिखित बातें माता के गर्भ में ही निश्चित हो जाती है…. व्यक्ति कितने साल जियेगा वह किस प्रकार का काम…
जीवन को हमेसा अच्छे कामो मे लगाए रखे
जीवन का अर्थ यही है कि इसे सदा अच्छे कामो मे लगाए रखे अच्छे भले ज्ञान के कर्मो से ही…
सेवा का अवसर आने पर सेवको का पता चलता है
सेवा का अवसर आने पर सेवको का पता चलता है रिश्तेदारो से प्यार का पता दुख के समय चलता है…
तीर्थ यात्रा पूजा एवं तीर्थ स्नान यह सब मन की खुशी के लिए होते है
तीर्थ यात्रा पूजा एवं तीर्थ स्नान यह सब मन की खुशी के लिए होते है तीर्थो पर जाना केवल अपने…
life Desire – कोई भी मनुष्य बूढा हो, जवान हो, गरीब हो, अमीर हो, भोगी हो या त्यागी हो, लेकिन हर मनुष्य में जीने की इच्छा सबसे पहली और आखिरी होती है
जीने की इच्छा………….. कोई भी मनुष्य बूढा हो, जवान हो, गरीब हो, अमीर हो, भोगी हो या त्यागी हो, लेकिन…
Anmol Vachan – स्वामी रामदेव – जीवन भगवान की सबसे बडी सौगात (तोहफा) है ।
स्वामी रामदेव – जीवन भगवान की सबसे बडी सौगात (तोहफा) है । मनुष्य का जन्म हमारे लिए भगवान का सबसे बडा उपहार है । जीवन को छोटे उद्देश्यों के लिए जीना जीवन का अपमान माना जाता है। इसलिए अगर हम अपनी आन्तरिक क्षमताओं का पूरा उपयोग करें तो हम पुरुष से महापुरुष, युगपुरुष, मानव से महामानव सकते हैं । मैं परमात्मा का प्रतिनिधि हूँ । और मेरे मस्तिष्क में ब्रह्माण्ड सा तेज, मेधा, प्रज्ञा व विवेक है । मैं माँ भारती का अम्रतपुत्र हुँ, “माता भूमि: पुत्रोहं प्रथिव्या:” । प्रत्येक जीव की आत्मा में मेरा परमात्मा विराजमान है । मैं पहले माँ भारती का पुत्र हूँ बाद में सन्यासी, ग्रहस्थी, नेता, अभिनेता, कर्मचारी, अधिकारी या व्यापारी हूँ । “इदं राष्ट्राय इदन्न मम” मेरा यह जीवन राष्ट्र के लिए है । और राष्ट्र…
Dharm – क्या आप जानते हैं धर्म का सही अर्थ क्या है? अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाना…
भजन सागर – प्रत्येक मनुष्य का स्वभाव है कि वह अपने अधिकारों के लिए जितना जागरूक होता है, बह कर्तव्यों…