कुत्ते को रोटी खिलाते देख एक बूढे भिखारी ने भी हाथ फैलाया
याचनापूर्वक गिडगिडाया ..
साहब ने मुँह खोला
भिखारी को डाँटते हुए बोला ..
ये रोटी देसी घी मेँ सनी है
केवल कुत्ते के लिए बनी है ..
सुनते ही भिखारी अपने दोनों घुटने
और हाथ जमीन पर टेक कर एक-दम तन गया ..
और बोला
लीजिये बाबूजी
अब मैँ भी कुत्ता बन गया ..
यहाँ भूख जीती और
इंसानियत हारी है ..!! ;-(;-(
50 ग्राम की रोटी
50 किलो के मानवता पर
भारी है !!
