Superstition – समझदार वही है जो अंधविश्वास में पड़े बिना सच्चाई को समझकर किसी बात को मानता है

एक देश मैं एक मशहूर फकीर रहता था ।

वह बीमार हो गया ।

उसकी एक बनजारे नें खूब सेवा की ।

खुश होकर फकीर नें उसे एक गधा भेंट किया ! गधा पाकर बनजारा बड़ा खुश हुआ ।

गधा स्वामी भक्त था ।

वह बनजारे की और बनजारा गधे की सेवा करता था ।

दोनों को एक दूसरे के प्रति बहुत लगाव हो गया । बनजारा यह मानता था की गधा फकीर की दी गयी भेंट है तो ज़रूर विलक्षण होगा ।

एक दिन बनजारा गधे पर बैठ कर माल बेंचने दूसरे गाँव गया , दुर्भाग्य से गधा रास्ते में बीमार हो गया , पेट में दर्द उठा और गधा वहीँ तड़प कर मर गया ।

बनजारे को अत्यधिक शोक हुआ क्योंकि वह उसके लिए कमाऊ पूत था ।

उसनें गधे की कब्र बनाई और वहीं बैठकर दुःख के आंसू बहाने लगा ।

इतने में उधर से एक राहगीर गुजरा , उसनें यह दृश्य देखकर सोचा की अवश्य ही यहाँ किसी फकीर का निधन हुआ है ।

श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उसने दो फूल तोड़े और कब्र पर चढ़ा दिए ।

दूसरे नें उसे फूल चढाते देखा तो पास आकर उसने जेब से दो रुपये निकाल कर कब्र पर चढ़ा दिया ।

बंजारा यह सब चुप चाप देखता रहा और मन ही मन हंसा ।

दोनों राहगीर अगले गाँव गए और लोगों से कब्र का ज़िक्र किया ।

ग्रामीण लोग आए उन्होंने भी फूल और पैसे चढ़ाए ।

अब बंजारे नें आगे जाने का फैसला छोड़ा और कब्र के पास बैठ गया ।

वह सोचने लगा की गधा जब जिन्दा था , तब उतना कमाकर नहीं देता था जितना की मरने के बाद दे रहा है. खूब भीड़ लगती ।

जितने दर्शनार्थी आते कब्र का उतना ही ज्यादा प्रचार हो रहा था ।

गधे की कब्र किसी पहुंचे हुए फकीर की कब्र बन गयी ।

एक दिन वह फकीर भी उसी रस्ते से गुजरा , जिसनें बनजारे को गधा दिया था ।

उसनें कब्र के बारे में चर्चा सुनी ।

वहा गाने बजाने वाले बैठे थे , कलाम पड़ा जा रहा था कि तेरे दर से मिलेगा वह भी कब्र पर झुका ।

जैसे ही उसने अपने पुराने भक्त बनजारे को बैठे देखा तो पूछा की यह कब्र किसकी है और तू यहाँ क्यों रो रहा है ?

बनजारे नें कहा की आपके सामने सच छुपाने की ताकत मुझमें नहीं है ।

उसने सारी आपबीती फकीर को सुना दी ।

फकीर को बड़ी हंसी आई ।

बनजारे नें पूछा की आपको हंसी क्यों आई ?

फकीर बोला की मैं जहाँ पर रहता हूँ वहां पर भी एक कब्र है जिसे लोग बड़ी श्रद्धा से पूजते हैं ।

आज में तुम्हें बताता हूँ की वह कब्र भी इस बेफकूफ की माँ की है लोग नहीं जानते इसलिए किसी को भी पूजने लगते हैं ।

समझदार वही है जो अंधविश्वास में पड़े बिना सच्चाई को समझकर किसी बात को मानता है

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